kabhi kahin shikwe hai
kahin ansu hai
kahin dil ka samundar adhoora hai
kahin shikayato mei ghira sansar hai
man ki baat hai
man mei hi rehti hai
naqaab kisi cheez ka hota hai
jubaan dikhawe ki hoti hai
har baat ka koi jawab nhe hota
har sawal sahi bhi nhe hota hai
kisso mei uljhi hui kahani hai
kho gyi sabki nishani hai
man mei jajbaat ajeeb hote hai
alfaazo mei alag hote hai
aayine mei dekho to
tasveer alag hoti hai
roz naya suraj hota hai
roz naya chehra bunte hai
roz naye bahane chunte hai
sikhte to hum yeh sab bachpan se hi hai
sikhaane waale bhi beymaan nahi hote hai
imaandaar kaun hai, shareef kaun
isi mei kho jaate hai
hum khud se hi door jaate hai
kisi ke na hote hue bhi hum kisi k ho jaate hai
roj ro jaate hai
karwat badalte hai aur so jaate hai
kya khoya hai
kya paaya hai
humne khud se narajgi
khud ko hi bheed mei gawaya hai
Saturday, 28 February 2015
Lost
Labels:
desire,
expectations,
hindi poem,
living,
mystery,
trust,
truth,
values
Monday, 23 February 2015
Mei bhi jeelunga
माना की हम अधूरे है
तेरे बिना हम कैसे पूरे है
यह मंजिले भी अजीब है
हर दिन बदलती है
पर अब मे थक गया हूँ
अपनी उमीदो से मे हार गया हूँ
मेी गिर गया हूँ
अब संभालना नही आ रा है मेरे को
खुदा से बस एक ही दुआ है
मेरी जान ले ले
क्यूंकी दिखता मुझे अब सिर्फ़ धुआँ है..
धुआ ऐसा जो छ्ट नही रा है
मेरे मान पर छा चुका है
बस अब और रहा जाता नहीं
तेरे बिना जिया जाता नहीं
जा चुका है तू मुझसे मीलो दूर
अब कैसे आएगा तू पास मेरे
क्या कसमे
क्या वादे
सब झुटे हो रहे है
तुम अलग हो रहे हो
हम अलग हो रहे ह
चले जाओ हमसे दूर
मेरे आँसू कहीं तुमको रोक ना ले
मेरा दिल कहीं फिर तुमको रुकने पर मजबूर ना करदे
मेरे बिना ही तेरी खुशी है
मेरे बिना ही तेरी खुशी है
दर्द दिए है बहुत
मेरी भी उम्मीदे अलग थी
पर अब क्या फाय्दा
क्या फाय्दा तेरे आने का भी वापस
ना वो प्यार ह
ना मेरी इज़्ज़त है तेरी नज़रो मे
अब तो बस तन्हा इस राह पर
अकेले खड़े है
चली जा दूर
रहे तू खुश
दुआ है मेरी
तुझे मिले जिंदगी भरपूर
मेरे क्या है
मे तो जीलूनगा
तेरी खुशी क खातिर मेी भी जीलूनगा...
तेरे बिना हम कैसे पूरे है
यह मंजिले भी अजीब है
हर दिन बदलती है
पर अब मे थक गया हूँ
अपनी उमीदो से मे हार गया हूँ
मेी गिर गया हूँ
अब संभालना नही आ रा है मेरे को
खुदा से बस एक ही दुआ है
मेरी जान ले ले
क्यूंकी दिखता मुझे अब सिर्फ़ धुआँ है..
धुआ ऐसा जो छ्ट नही रा है
मेरे मान पर छा चुका है
बस अब और रहा जाता नहीं
तेरे बिना जिया जाता नहीं
जा चुका है तू मुझसे मीलो दूर
अब कैसे आएगा तू पास मेरे
क्या कसमे
क्या वादे
सब झुटे हो रहे है
तुम अलग हो रहे हो
हम अलग हो रहे ह
चले जाओ हमसे दूर
मेरे आँसू कहीं तुमको रोक ना ले
मेरा दिल कहीं फिर तुमको रुकने पर मजबूर ना करदे
मेरे बिना ही तेरी खुशी है
मेरे बिना ही तेरी खुशी है
दर्द दिए है बहुत
मेरी भी उम्मीदे अलग थी
पर अब क्या फाय्दा
क्या फाय्दा तेरे आने का भी वापस
ना वो प्यार ह
ना मेरी इज़्ज़त है तेरी नज़रो मे
अब तो बस तन्हा इस राह पर
अकेले खड़े है
चली जा दूर
रहे तू खुश
दुआ है मेरी
तुझे मिले जिंदगी भरपूर
मेरे क्या है
मे तो जीलूनगा
तेरी खुशी क खातिर मेी भी जीलूनगा...
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