...FOR YOU ONLY....
में था एक बावरा
एक अकेला बंजारा सा
में था एक आवारा सा
अनजाना इस प्यार से
में अकेला ही जीता जा रहा था
खुद के लिए जीता
और खुद के लिए मरता भी जा रहा था
और खुद के लिए मरता भी जा रहा था
अब जब से मिला हूँ तुझसे
पूछता हूँ खुदसे
में तो सच में अधुरा एक इंसान था
ख्वाहिशो के पुतलो में सपने सजाये हुए
एक ओर इंसान अनजान था खुदसे
पहचाना खुद को तुझसे मिलकर
जानी अपनी ताकत
महसूस किया क्या हूँ में
तेरे प्यार से ही बड़ा हूँ में...
वोह तेरी नम आंखें क्या कर गयी
जो मेरे जूनून की वजह बन गयी
वोह तेरा एहसास ही क्या कर गया
जो मेरा आगे बदने का सबब बन गया
जाना है यह तुझसे मिलने के बाद
पाया है खुदको तुझसे जुड़ने के बाद
आई हो तुम परी बनकर मेरे जीवन में
जिया हूँ में तेरा होने के बाद
तू है अब सबकुछ
वादा है तुझसे यह अब
हर पल रहूँगा तेरे साथ
सर्दी की धुप की तरह
या बारिश के पानी तरह
हमेशा आस पास साथ साथ
हर कदम पे जैसे हो वैसे ही रहना
तुम मेरे साथ
और में तम्हारे साथ
सदा हम दोनों साथ साथ
आस पास...
साथ साथ
आस पास.....
vvvvvvryyyyyy.....nice...:)
ReplyDelete:)
ReplyDeletethnx dimple///