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Friday 3 February 2012

FoR YoU

...FOR YOU ONLY....


में था एक बावरा
एक अकेला बंजारा सा
I m always there for you
अँधेरे में रास्तों पे भटकता 
में था एक आवारा सा

अनजाना इस प्यार से 
में अकेला ही जीता जा रहा था
खुद के लिए जीता
और खुद के लिए  मरता भी जा रहा था

अब जब से मिला हूँ तुझसे
पूछता हूँ खुदसे
में तो सच में अधुरा एक इंसान था
ख्वाहिशो के पुतलो में सपने सजाये हुए
एक ओर  इंसान अनजान था खुदसे

पहचाना खुद को तुझसे मिलकर
जानी अपनी ताकत 
महसूस किया क्या हूँ में
तेरे प्यार से ही बड़ा हूँ में...

वोह तेरी नम आंखें क्या कर गयी 
जो मेरे जूनून की वजह बन गयी 
वोह तेरा एहसास ही क्या कर गया 
जो मेरा आगे बदने का सबब बन गया 

जाना है यह तुझसे मिलने के बाद
पाया है खुदको तुझसे जुड़ने के बाद
आई हो तुम परी बनकर मेरे जीवन में
जिया हूँ में तेरा होने  के बाद

तू है अब सबकुछ
वादा है तुझसे यह अब 
हर पल रहूँगा तेरे साथ
 सर्दी की धुप की तरह
या बारिश के पानी तरह
 हमेशा आस पास साथ साथ 

 हर कदम पे जैसे हो वैसे ही रहना
तुम मेरे साथ
और में तम्हारे साथ
सदा हम दोनों साथ साथ
आस पास...
साथ साथ
आस पास.....





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