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Tuesday 14 February 2012

love untouched

"love untouched"

अलफ़ाज़ जुबां पे आते नहीं
सांसो में लफ्ज़ गुम हो जाते है
तेरे मेरे दरमियाँ की है यह कहानी में
देखते ही तुमको मेरे नैना 
तुझी में कही खो जाते है.

तुमसे ही है शाम, सुबह तेरी आँखों से हो
इसी आस में हम कही भी सो जाते है
शायद मोहब्बत है तुमसे तुम जरा हमको  समझो
हम भीड़ में भी तन्हा हो जाते है.

कैसे कहे तुमसे इसलिए कभी कभी लिख जाते है 
अपना  दर्द हम कागज़ पे बयाँ कर जाते है
जज्बात तेरे मेरे प्यार की दास्ताँ के 
 हम तुझको अपने शब्दों में पा जाते है 
ढूंढे  तुझको हर जगह
एक नाव का किनारा है तू
मोहब्बत मेरी है तुमसे ही है
एक हसीन सफ़र का रास्ता है तू 
तू है जैसे गुलाब अनदेखा
जिसकी खुशबू है सबसे अनजान
पाना चाहू तुझे चाहे जो हो अंजाम 

हर पल मेरी सोच में तुम हो
मेरे लिए मेरा जहाँ तुम हो
तुम मोहब्बत हो
तुम इबादत हो
तुम से ही नदिया और कुदरत तुमसे हो 
तुम हो तो सब कुछ हो
तुम न हो तो कुछ न हो 

बादलों से उची तुम्हारी उड़ान हो
तुम्हारी ख़ुशी ही मेरी मंजिल
तुम्हे पाना और तुम्हे हर पल हसना
अब येही मेरा अंजाम हो....
येही मेरा अंजाम हो.....







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